शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2024

पिता के पत्र पुत्री के नाम | सम्पूर्ण हिंदी ऑडियोबुक | जवाहरलाल नेहरू | मुंशी प्रेमचंद


“पिता के पत्र पुत्री के नाम, 1929” लेखक - जवाहरलाल नेहरू; हिंदी अनुवाद - मुंशी प्रेमचंद; स्वर - गिरिबाला जोशी

ये पत्र जवाहरलाल नेहरू ने जेल से अपनी बेटी इंदिरा प्रियदर्शिनी (बाद में गांधी) को लिखे थे. इन पत्रों में आप सुन सकते हैं इस दुनिया के और अपने देश भारत के प्रागैतिहासिक काल यानि prehistoric era और आरम्भिक इतिहास की कहानी. इनमें कही बातें, छोटे-बड़े सभी लोगों का ज्ञानवर्धन करती हैं और वैश्विक एकत्व और बंधुत्व की भावना को बढ़ावा देती हैं. ये ऑडीयो-बुक पिछले कई वीडियोस की ऑडियो को जोड़कर बनाई गयी है. यदि आप विज़ुअल्स- चित्र, वीडियोस, इत्यादि - देखना चाहते हैं तो प्लेलिस्ट में सम्मिलित वीडियोस को देखें।! आपको ये ऑडीयो-बुक इस चैनल पर नेहरूजी की ओरिजिनल अंग्रेजी में भी मिल जाएगी जो कि AI generated आवाज में हैं. मेरी अपनी आवाज में इन पत्रों को अंग्रेजी में रिकॉर्ड करने का प्रयास जारी है . विषय-सूची प्रस्तावना 0:35 १. संसार पुस्तक है 2:03 २. शुरू का इतिहास कैसे लिखा गया 8:01 ३. ज़मीन कैसे बनी 13:55 ४. जानदार चीज़ें कैसे पैदा हुई 19:15 ५. जानवर कब पैदा हुए 26:56 ६. आदमी कब पैदा हुआ 32:11 ७. शुरू के आदमी 38:54 ८. तरह-तरह की कौमें क्योंकर बनीं 47:25 ९. आदमियों की कौमें और ज़बानें 53:50 १०. ज़बानों का आपस में रिश्ता 59:59 ११. सभ्यता क्‍या है? 1:04:59 १२. जातियों का बनना 1:08:38 १३. मजहब की शुरुआत और काम का बंटवारा 1:13:07 १४. खेती से पैदा हुई तब्दीलियाँ 1:17:59 १५. खानदान का सरगना कैसे बना 1:21:52 १६. सरगना का इख्तियार कैसे बढ़ा 1:25:35 १७. सरगना राजा हो गया 1:29:06 १८. शुरू का रहन-सहन 1:33:29 १९. पुरानी दुनिया के बड़े बड़े शहर 1:38:02 २०. मिस्र और क्रीट 1:42:02 २१. चीन और हिंदुस्तान 1:47:24 २२. समुद्री सफर और व्यापार 1:51:31 २३. भाषा, लिखावट और गिनती 1:58:09 २४. आदमियों के अलग-अलग दरजे. 2:02:42 २५. राजा, मंदिर और पुजारी 2:06:47 २६. पीछे की तरफ एक नज़र 2:12:20 २७. पत्थर हो जानेवाली मछलियों की तसवीरें 2:15:11 २८. फॉसिल और पुराने खंडहर 2:16:45 २९. आर्यों का हिन्दुस्तान में आना 2:19:48 ३०. हिंदुस्तान के आर्य कैसे थे 2:23:45 ३१. रामायण और महाभारत 2:28:45

मंगलवार, 1 अक्तूबर 2024

पिता के पत्र | एपिसोड 29 पत्र 31 | रामायण और महाभारत | The Ramayana and the Mahabharata

 


इस पत्र में नेहरू ने रामायण और महाभारत की महत्ता पर चर्चा की है। वे बताते हैं कि वेदों के युग के बाद काव्यों का युग आया, जिसमें दो प्रमुख महाकाव्य—रामायण और महाभारत—लिखे गए। नेहरू ने बताया कि इस युग में आर्य लोग उत्तर भारत से विंध्य पर्वत तक फैल गए थे, और इस क्षेत्र को "आर्यावर्त" कहा जाता था, जो चाँद के आकार की तरह दिखता था। रामायण की कथा राम और सीता के साथ लंका के राजा रावण की लड़ाई की है, जिसे वाल्मीकि ने संस्कृत में लिखा, और तुलसीदास ने हिंदी में "रामचरितमानस" के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने यह भी कहा कि रामायण में हो सकता है कि दक्षिण भारत के लोगों और आर्यों की लड़ाई का चित्रण हो। महाभारत, जो रामायण के काफी बाद लिखा गया, एक विशाल ग्रंथ है और इसमें आर्यों के आपसी संघर्ष की कथा है। लेकिन इसके अतिरिक्त, इसमें गहरी विचारधारा और सुंदर कहानियाँ हैं, जिनमें भगवद गीता एक अनमोल रत्न है। नेहरू ने यह भी बताया कि ये ग्रंथ हजारों साल पुरानी होने के बावजूद आज भी जीवित हैं और लोगों पर प्रभाव डालते हैं। Tags Jawaharlal Nehru Indira Gandhi letters Pita ke Patra Putri ke Naam by Jawaharlal Nehru Letters from a Father to his Daughter Nehru ke patra Indira ko Nehru’s Letters to Indira पाठ 31 रामायण और महाभारत अध्याय ३१ रामायण और महाभारत Lesson 31 The Ramayana and the Mahabharata

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