राजकुमारी सीता (यह चित्र सीताचरितमानस के लिए बनाया गया है. मूल चित्र यहाँ है ) |
दीपों के इस उत्सव का सर्वप्रथम वर्णन हिन्दू महाकाव्य रामायण में मिलता है. इस महाकाव्य के नवीनतम संस्करण* श्री सीताचरितमानस के अनुसार, राजकुमारी सीता इस दिन राक्षसी मंदोदरी का वध करके मिथिला वापस लौटी थी. मिथिलावासियों ने पूरे नगर को दीपों से सुसज्जित करके अत्यंत हर्षोल्लास के साथ उनका स्वागत किया था.