इसी पत्र से : "रंग से आदमी की लियाकत, भलमनसी या खूबसूरती पर कोई असर नहीं पड़ता""लेकिन अपने हाथों से काम न करना और दूसरों की कमाई खाना ऐसी बात नहीं जिस पर हम गुरूर कर सकें।"
"पुराने जमाने में हिन्दुस्तान में बहुत सी कौमें आई और हालाँकि बहुत दिनों तक उन्होंने अलग रहने की कोशिश की लेकिन वे आखिर में बिना मिले न रह सकीं| आज किसी हिन्दुस्तानी के बारे में यह कहना मुश्किल है कि वह पूरी तरह से किसी एक असली कौम का है।"
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