"जब हम चट्टानों को ग़ोर से देखते हैंऔर बहुत सी पुरानी हड्डियों को जमा करने पर पता चलता है कि मिन्न-मिन्न समय में भिन्न-भिन्न प्रकार के जानवर रहते थे। सब के सब एक बारगी कहीं से कूद कर नहीं आ गए | सबसे पहले छिलकेदार जानवर पेदा हुए जैसे घोंघे | उसके बाद ज़्यादा ऊँचे दरजे के जानवर पैदा हुए, जिनमें साँप ओर हाथी जैसे बड़े जानवर थे, और वह चिड़ियाँ और जानवर भी, जो आज तक मौजूद हैं।सबके पीछे आदमियों की हड्डियाँ मिलती हैं."
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