⛓️📜 एक और जेल यात्रा, एक और वैश्विक प्रश्न.
🎧 नेहरू की आत्मकथा के अध्याय 59 और 60
📘 59: अलीपुर जेल
नेहरू अपनी सातवीं गिरफ्तारी और अलीपुर जेल के कठोर अनुभव को साझा करते हैं।
ठंडा फर्श, निगरानी, और यांत्रिक दिनचर्या—इन सबसे जूझते हुए भी वे प्रकृति में शांति खोजते हैं।
ये अनुभव उन्हें औपनिवेशिक अन्याय और कारावास की अमानवीयता पर गहरे विचार के लिए प्रेरित करते हैं।
📘 60: पूरब और पश्चिम में लोकतंत्र
जेल से लिखते हुए नेहरू पश्चिमी लोकतंत्र की दोहरे मापदंडों की आलोचना करते हैं।
जहाँ यूरोप में लोकतंत्र की पूजा होती है, वहीं उपनिवेशों में तानाशाही थोप दी जाती है।
वे फासीवाद, नस्लवाद और साम्राज्यवादी सोच के विरोध में सच्चे वैश्विक लोकतंत्र की वकालत करते हैं।
🎧 सुनिए नेहरू की आवाज़—क़ैद से उठता प्रतिरोध और विवेक।
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