💍📜 शादी के कानून, भाषा की राजनीति और सांप्रदायिकता की चुनौतियाँ…
🎧 नेहरू की आत्मकथा के अध्याय 55 और 56
📘 55: एक सिविल विवाह और लिपि का सवाल
नेहरू अपने व्यक्तिगत अनुभव से पुराने विवाह कानूनों की जड़ता पर सवाल उठाते हैं।
वो सरल और सर्वसमावेशी हिंदुस्तानी भाषा की वकालत करते हैं जो
👉 साक्षरता बढ़ाए और 👉 राष्ट्रीय एकता को मजबूत करे।
उनके लिए भाषा, प्रगति का माध्यम है, न कि संकीर्णता का हथियार।
📘 56: सांप्रदायिकता और प्रतिक्रियावाद
नेहरू सांप्रदायिकता को कॉलोनियल और सामंती शक्तियों का हथियार मानते हैं।
वे मुस्लिम ज़मींदार नेतृत्व और ब्रिटिश "फूट डालो" नीति की आलोचना करते हैं।
उनका रास्ता: धर्मनिरपेक्षता + सामाजिक-आर्थिक बदलाव।
🎧 सुनिए नेहरू की स्पष्ट, समय से आगे की सोच।
#नेहरू #पॉडकास्ट #सांप्रदायिकता #हिंदीउर्दू #इतिहास #आत्मकथा
0 टिप्पणियाँ:
एक टिप्पणी भेजें