सिल्विया प्लेथ (1932-1963) |
सिल्विया प्लेथ द्वारा लिखी कविता, "मैड गर्ल्स लव सॉन्ग" का हिंदी अनुवाद:
On the English blog: The story behind this translation
Kishore Chaudhary on Sylvia Plath: मैं तुम्हारी आँखों को नए चिड़ियाघर जैसा रंग देना चाहती हूँ
Kishore Chaudhary on Sylvia Plath: मैं तुम्हारी आँखों को नए चिड़ियाघर जैसा रंग देना चाहती हूँ
Mad Girl's Love Song
I dreamed that you bewitched me into bed
I shut my eyes and all the world drops dead;
I lift my lids and all is born again.
(I think I made you up inside my head.)
The stars go waltzing out in blue and red,
And arbitrary blackness gallops in:
I shut my eyes and all the world drops dead.
I dreamed that you bewitched me into bed
And sung me moon-struck, kissed me quite insane.
(I think I made you up inside my head.)
God topples from the sky, hell's fires fade:
Exit seraphim and Satan's men:
I shut my eyes and all the world drops dead.
I fancied you'd return the way you said,
But I grow old and I forget your name.
(I think I made you up inside my head.)
I should have loved a thunderbird instead;
At least when spring comes they roar back again.
I shut my eyes and all the world drops dead.
(I think I made you up inside my head.)
पागल लड़की का प्रेमगीत
नयनों को जब भी मूँद लूं, दुनिया हो जाती खत्म तभी;
पलकों को उठाऊँ हौले से, सब कुछ हो जाता पुन: जीवित.
(तुम्हे गढ़ा है अपने इस अंतर्मन में शायद मैंने ही.)
तारे चले नृत्यमग्न होकर लाल और आसमानी,
चला आता है मनमाना अन्धकार भर कर गुलाटी:
नयनों को जब भी मूँद लूं दुनिया हो जाती खत्म तभी.
स्वप्न में मुझे ले गए थे तुम शैय्या पर कर मोहित
गाकर मुझे मदमस्त किया, किया पागल बरसाकर प्रीत.
(तुम्हे गढ़ा है अपने इस अंतर्मन में शायद मैंने ही.)
इश्वर सत्ताहीन हुआ, नर्क की आग भी बुझ सी गयी:
देवदूत और दानव हुए निष्काषित:
नयनों को जब भी मूँद लूं, दुनिया हो जाती खत्म तभी.
विश्वास किया तुम पर कि लौटोगे मेरी देहरी
पर उम्र हो गयी मेरी, तुम्हारा नाम भी मैं भूली.
(तुम्हे गढ़ा है अपने इस अंतर्मन में शायद मैंने ही.)
अच्छा होता एक पपीहे से लगन लगाई होती;
कम से कम बसंत के आने पर चहक सुनाई देती.
नयनों को जब भी मूँद लूं, दुनिया हो जाती खत्म तभी.
(तुम्हे गढ़ा है अपने इस अंतर्मन में शायद मैंने ही.)
behad khoobsoorat
जवाब देंहटाएंshukriya.
Thank you, Varsha :-)
जवाब देंहटाएंThe Hindi Version is definitely better...love the poetic words of Hindi.:)
जवाब देंहटाएंReal good translation
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया प्रयास
जवाब देंहटाएंYour efforts are appreciable especially the side by side translation. GoooooooooooooooooD.
जवाब देंहटाएंThanks Sangeeta and Lalit :-)
जवाब देंहटाएं@Arkjesh: शुक्रिया! आप को पसंद आया अच्छा ही होगा! You are one of my inspirations for writing in Hindi.
@Jagdish: Thanks for the kind words! I happy to receive such a big good :-)
विश्वास किया तुम पर कि लौटोगे मेरी देहरी
जवाब देंहटाएंपर उम्र हो गयी मेरी, तुम्हारा नाम भी मैं भूली.
(तुम्हे गढ़ा है अपने इस अंतर्मन में शायद मैंने ही.)
bahut achha prayaas, ye kavita ki har line dil par amit chhap chodati hain.
मुझे आंग्ल भाषा इतनी ही आती है कि पढ़ कर समझ सकूँ तो जिज्ञासाएं बढती ही गई. आपने इतना सुंदर अनुवाद कार्य किया है कि मैं इसे पढ़ कर अभिभूत हूँ. अनुवाद वास्तव में भाषा सेतु को मजबूत बनाता है. मैंने प्लेथ कि लगभग दौ सौ कविताएं पढ़ी हैं लेकिन हर बार लगा कि काश किसी प्राध्यापक ने मुझे इन्हें पढाया होता... धन्यवाद !!
जवाब देंहटाएंoh i loveed it! a very good translation and this was the first time i saw something like this on a blog..keep up the impressive wrk :))
जवाब देंहटाएंm a follower!
sarah
बहुत सुन्दर... keep it up.
जवाब देंहटाएंAnonymous, Kishore, Sarah, and Prithvi....आप सबका बहुत बहुत शुक्रिया :-)
जवाब देंहटाएंअच्छा होता एक पपीहे से लगन लगाई होती;
जवाब देंहटाएंकम से कम बसंत के आने पर चहक सुनाई देती.
achcha anuwad hai Giribal ji!
शुक्रिया प्रतिभा! आपसे मिलकर ख़ुशी हुई!
जवाब देंहटाएंविरहणी का दर्द। सुंदर चित्रण। पढ़वाने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंThanks Arun :-)
जवाब देंहटाएंआपका ब्लॉग बहुत सुंदर है.बहुत अच्छा लगा आ कर....
जवाब देंहटाएंसिल्विया प्लेथ द्वारा लिखी कविता, "मैड गर्ल्स लव सॉन्ग" का हिंदी अनुवाद आपका प्रयास बधाई योग्य है।
रंगपंचमी की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ...
आपके विचारों का मेरे ब्लॉग्स पर सदा स्वागत है।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद शरद! आपसे मिलकर ख़ुशी हुई :-)
जवाब देंहटाएंबढि़या कविता, बेहतरीन अनुवाद.
जवाब देंहटाएंराहुल जी धन्यवाद् :-)
जवाब देंहटाएंइस कविता के मूल के बराबर आस्वाद देने के लिए शुक्रिया.बहुत खूबसूरती से साधा है आपने इसका अनुवाद.
जवाब देंहटाएंThanks Sanjay :-)
जवाब देंहटाएं