सोमवार, 3 जनवरी 2011

प्रार्थना: हे ईश्वर, मेरे ब्लॉग को सबसे लोकप्रिय ब्लॉग से भी अधिक हिट प्रदान करें!

पता नहीं आप ईसाई या मुसलमान लोग क्या करते हैं, हम हिन्दू तो वही करते हैं जो हमारे पूर्वज हजारों वर्ष पहले किया करते थे. हम अपना हर छोटा या बड़ा कार्य ईश्वर की प्रार्थना से शुरू करते हैं. चाहे हमारे विद्यार्थी परीक्षा देने जाएँ या हमारे व्यापारी और नेतागण कोई महत्वपूर्ण सौदा करने--विशेषकर दो नंबर के--वे श्रद्धापूर्वक भगवान् के आगे अपना माथा ज़रूर टेकते हैं.

मेरे परिवार वाले जब भी जल, स्थल, या हवाई यात्रा हेतु घर से निकलते हैं, ईश्वर की पूजा करना नहीं भूलते. और कभी भी--ये एक रिकॉर्ड है और आपको मानना पड़ेगा कि कभी भी--मेरे परिवार का कोई भी सदस्य जो आज जीवित है, किसी दुर्घटना में मृत नहीं हुआ.

मुझे भगवान से अत्यंत प्रेम है क्योकि मुझे बदमाश लड़कों से विशेष लगाव है, और भगवान् तो तीनों लोक का सबसे बड़ा बदमाश है. क्यों, आपको क्या यकीन नहीं होता कि वो इतना बुरा है? ज़रा सोचने की कोशिश कीजिये कि इस दुनिया में कितनी बुराइयाँ भरी हुई हैं. यदि आप दिमाग पर जोर नहीं डालना चाहते तो कोई अख़बार ही उठा लीजिये. आपको अख़बार भी नहीं पसंद? आप तो बड़े ही धुरंदर मालूम पड़ते हैं. आपके लिए तो एक ही सुझाव  है--कोई धार्मिक ग्रन्थ पढ़ लीजिये. अब ये भी मैं ही बताऊँ की कौनसा ग्रन्थ? अरे, किसी भी धर्मं का कोई भी ग्रन्थ!

अपनी बनाई इस दुनिया के जीवों को भूखा, पीड़ित, क्रोधित, और अज्ञानी रखने के लिए, मेरा खलनायक दिन-रात बड़ी ही मेहनत करता है. आहा! ज़रा फोटो तो देखो. मैं अपने हिन्दू भाई बहनों को ईश्वर का ये सन्देश देना चाहती हूँ कि आप लोग ईसाई, मुसलमान, और नास्तिकों से अपनी लड़ाई जारी रखें. जैसे हम लोगों को मुर्गे, कुत्ते, या बैलों की लड़ाई में मज़ा आता है, वैसे ही उपरवाले को इंसानों को लड़ाने में मज़ा आता है.

ऐसे सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, सर्वव्यापी परम पिता परमेश्वर से मैं अपने तन, मन, और पड़ोसी के धन से प्रार्थना करती हूँ कि हे इश्वर, मेरे ब्लॉग को सबसे लोकप्रिय ब्लॉग से भी अधिक हिट प्रदान करें!

पुनःश्च :
ऐसे शानदार लेख के लिए,
सराहना की बौछार ना करें,
मैं तो मात्र एक जरिया हूँ,
लिखवाने वाला कोई और है.

(चित्र satsangh.mantraaonline.com के सौजन्य से)

12 टिप्‍पणियां:

  1. The best response to this article is from Devdutt http://devdutt.com/indian-thought-via-western-eye/

    It is best to let two scholars argue and figure out a middle path :)

    जवाब देंहटाएं
  2. This is just a prayer. I don't argue about faith. Let everyone live in their make-believe world without hurting others!

    जवाब देंहटाएं
  3. ये एक रिकॉर्ड है और आपको मानना पड़ेगा कि कभी भी--मेरे परिवार का कोई भी सदस्य जो आज जीवित है, किसी दुर्घटना में मृत नहीं हुआ.

    आपका उपरोक्त वाक्य समझ में नहीं आया...

    हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है.

    जवाब देंहटाएं
  4. @अर्कजेश :-)
    @शाह नवाज़: अब आपको कैसे समझाया जाये....इसका मतलब है कि जितने लोग जीवित हैं, वो उपरवाले कि दया से कभी भी एक्सिडेंट में नहीं मरे :-/

    जवाब देंहटाएं
  5. Higgs Bosons??..very true..in the most indigenous particle accelerator the Indians women had invented 10000yrs back..Atta chakki..God's possible source of The Big-Bang!!! :-)
    nice writing..amazing captions!!!

    जवाब देंहटाएं
  6. Thanks अपूर्व ! Yes, each one of us have our own particle accelerators :-)

    जवाब देंहटाएं
  7. i like your idea of popularity

    apart from god there are more ways too

    would you like...

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सही..प्रार्थना सुन ली गई. :)

    जवाब देंहटाएं
  9. शुक्रिया! आपका एक हिट एक हज़ार के बराबर है :-)

    जवाब देंहटाएं

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...