बुधवार, 28 दिसंबर 2011

साक्षात्कार (Interview)


इस ब्लॉग में प्रकाशित करने हेतु,
कुछ रोचक, मनोरंजक बात की तलाश में,
अपनी अद्भुत शक्ति का प्रयोग कर,
मैं मिलने गयी आकाश में विचरती आत्माओं से.

सोचा कि महान स्त्रियों से करूंगी मुलाकात,
और पहुंचाऊंगी आप तक, बिना लाग-लपेट,
झाँसी की रानी, इंदिरा गाँधी, महादेवी वर्मा,
अमृता प्रीतम या सरोजिनी नायडू के विचार.

सोमवार, 10 अक्तूबर 2011

दीपावली: राजकुमारी सीता का स्वागतोत्सव


राजकुमारी सीता
 (यह चित्र सीताचरितमानस के लिए बनाया गया है. मूल चित्र यहाँ है )
भारतवर्ष में ही नहीं, अपितु विश्व भर में हिन्दू धर्म के लोग कार्तिक माह की अमावस्या के दिन भांति-भांति के दीपक, मोमबत्तियां, एवं बिजली की बत्तियां जलाकर, एक दूसरे के घर मिष्ठान इत्यादि भेजकर, एवं पटाखे जलाकर दीपावली का त्योहार मनाते हैं.

दीपों के इस उत्सव का सर्वप्रथम वर्णन हिन्दू महाकाव्य रामायण में मिलता है. इस महाकाव्य के नवीनतम संस्करण* श्री सीताचरितमानस के अनुसार, राजकुमारी सीता इस दिन राक्षसी मंदोदरी का वध करके मिथिला वापस लौटी थी. मिथिलावासियों ने पूरे नगर को दीपों से सुसज्जित करके अत्यंत हर्षोल्लास के साथ उनका स्वागत किया था.

बुधवार, 27 जुलाई 2011

चोखी रसोई

(मेरे पिता श्री पुरुषोत्तम पाण्डेय की लिखी कहानी. आप उनकी अन्य रचनाएँ http://purushottampandey.blogspot.com/ पर पढ़ सकते हैं)

सात गावों के पंडितों का महा-सम्मलेन आयोजित किया गया. व्याकरण से लेकर वेदों तक की चर्चाएं हुई. चूँकि समय बहुत तेजी से बदल रहा है, और लोग धर्म की आस्थाओं से विमुख होते जा रहे हैं, ये बड़ी चिंता का विषय रहा. कलिकाल में जहाँ भौतिकवाद का ऐसा प्रभाव हो गया है कि आम आदमी बिना मेहनत किये अवैध तरीकों से घन कमाना चाहता है, इसके लिए धर्म अधर्म की भी कोई सोच नहीं रही है.

सम्मलेन में उपस्थित शास्त्रीगण/महापंडितों ने गहरी चिंताए जताई कि अगर इस अधोपतन के क्रम को रोका नहीं गया तथा संस्कारित नहीं किया गया तो निश्चय ही धर्म का स्वरूप विद्रूप हो जाएगा.

एक रामायणी विद्वान ने तो रामचरितमानस में कलिकाल का उद्धरण करते हुए घोर निराशा का चित्रण कर डाला. सारी चर्चा में ‘धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो,’ जैसे नारे बार बार लगते रहे. पर किसी ने धार्मिक कर्मकांडों में आई विकृतियों अथवा पाखंडों पर कोई चर्चा करना ठीक नहीं समझा. क्योंकि सभी लोग किसी न किसी रूप में अपनी दैनिन्दिनी में अंधविश्वासों व पाखंडों में लिप्त रहते हैं. "हम सब पाखंडी हैं," यह कहने की हिम्मत किसी में नहीं रही. बिगड़ी हुई मान्यताओं को बदलने का साहस भी नहीं कर पा रहे थे. ‘सत्यम वद, धर्मं चर,' जैसे आदर्श तो केवल पोथी के बैगन रह गए हैं. इनको न छेड़ा जाये तो ही अच्छा है. क्योंकि सभी लोग सुबह से शाम तक सैकड़ों झूठों का बोझ ढोते चलते हैं. लेकिन उपदेश तो दे ही सकते थे. नहीं दिये.

मंगलवार, 3 मई 2011

लगता नहीं है जी मेरा एबटाबाद में

बिन लादेन का आखिरी पड़ाव (CNN के सौजन्य से)
लगता नहीं है जी मेरा एबटाबाद में,
किसकी बनी है आलम-ए-नापायेदार में,
कह दो जेहादियों से अमरीकियों से ना डरें,
इतनी जगह कहाँ है जेल-ए-ग्वातेनामो में.

उम्र-ए-दराज़ मांग कर लाये थे चार दिन,
दो जेहाद-अफजाई में कट गए दो सर बचाने में.
कितना है बदनसीब "बिन लादेन" दफन के लिए,
दो गज ज़मीन भी ना मिली कू-ए-यार में.

(बहादुर शाह ज़फर से क्षमा याचना सहित)
Read the original couplets here 

शनिवार, 16 अप्रैल 2011

मायाजाल

ब्रह्माजी और नारद मुनि
ब्रह्माजी अपने चारों हाथों में कुछ कुछ थामे हुए, नियमित वस्त्र एवं आभूषणों में सुसज्जित, कमलासन पर विराजित हो, सरस्वती से गाना सुन रहे थे, तभी अचानक, "नारायण, नारायण," कहते हुए नारद मुनि आ धमके.

सरस्वती अपना गाना-बजाना बंद करके बोली, "लो आ गए आपके मानसपुत्र," और वहां से प्रस्थान कर गयी.

"कहिये नारद, कैसे आना हुआ?" ब्रह्माजी आशंकित स्वर में बोले. 

रविवार, 27 मार्च 2011

करुणानिधि जी की आरती

English Version
यह आरती प्रतिदिन प्रातः काल ब्रह्ममुहूर्त में या फिर सायंकाल सूर्यास्त के पश्चात् गायी जानी चाहिए. ऐसा करने से घर के पुरुषों को करुणानिधि जी की भांति करोड़ों की संपत्ति और साथ ही अनेक पत्नियों का सुख प्राप्त होता है. करुणानिधि जी कलाईनार, अर्थात कला के विद्वान के नाम से भी जाने जाते हैं. संभवतः यह पैसे कमाने की कला से सम्बंधित है. 

गुरुवार, 10 मार्च 2011

पागल लड़की का प्रेमगीत


सिल्विया प्लेथ  (1932-1963)
सिल्विया प्लेथ द्वारा लिखी कविता, "मैड गर्ल्स लव सॉन्ग" का हिंदी अनुवाद:

रविवार, 20 फ़रवरी 2011

या अल्लाह, या अल्लाह, जीनी मिल गयी!

(मेरे पतिदेव की आपबीती)

फ़रवरी का मौसम, मस्त महीना,
जुहू चौपाटी पे चला जा रहा था,
एक पुरानी सी बोतल पांव से टकराई,
उठा के देखा, ढक्कन जो खोला, 
एक दिलकश सी जीनी निकल के आई,
या अल्लाह, या अल्लाह, जीनी मिल गई.
या अल्लाह, या अल्लाह, जीनी मिल गई.


मैं घबराया, कुछ शरमाया,
जीनी से पूछा मुझे क्या क्या मिलेगा,
जीनी बोली, "हुक्म करो मेरे आका,
मंहगाई और मंदी का है ज़माना,
सिर्फ एक ही तमन्ना पूरी कर सकूंगी."
या अल्लाह, या अल्लाह, जीनी मिल गई.



शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2011

धर्मेन्द्र जी के दिल से निकली चंद कवितायेँ

फिल्म 'यमला पगला दीवाना' में धर्मेन्द्र जी ने एक गाना लिखा है. इस फिल्म के प्रचार के दौरान, हमारे रोमांटिक-एक्शन हीरो ने बताया कि वे कवितायेँ भी लिखते हैं और निकट भविष्य में अपना कविता संकलन प्रकाशित करेंगे. जब तक असली कवितायेँ छप कर ना आ जाएँ, तब तक आप इन नकली कविताओं से काम चलाइए:



#1
मैं जट यमला पगला दीवाना,
हो रब्बा, इतनी सी बात ना जाना,
कि राजनीति मेरे बस की बात नहीं है.
चुनाव जीतना तो बाएं हाथ का खेल था,
हो रब्बा, संसद में बैठ ना पाया,
कि अभिनेता से नेता बनना आसान नहीं है.




शुक्रवार, 14 जनवरी 2011

मेरी दीदी मायावती कुमारी

(English Version)
जब भी मेरी सहेलियां अपने हीरे के जड़ाऊ जेवर दिखाती हैं, या अपने रिश्तेदारों द्वारा आयोजित शानदार पार्टियों का वर्णन करती है, या अपने माँ-बाप-दादा-दादी के राजशाही घरों के किस्से सुनती हैं, तो मेरी तीव्र इच्छा होती है कि मैं भी उन्हें अपनी दीदी के बारे में बताऊँ. परन्तु जैसे ही मैं कहना शुरू करती हूँ, "मेरी दीदी...," कोई और मुझसे तेज आवाज़ वाला अपनी बात कहने लगता है. मेरी आवाज में वो दम ही नहीं हैं कि चार लोगों के बीच अपनी बात कह सकूं.


मंगलवार, 11 जनवरी 2011

मेरे मरने के बाद

(English Version: I am Dead. What Next?)
नवभारत टाईम्स के जनवरी 11, 2011 के अंक से:
समाचार #1: दिल्ली की एक अदालत ने पिता की बलि चढ़ाने वाले 25 वर्षीय एक व्यक्ति को सोमवार को मौत की सजा सुनाई.
समाचार #2: सलारपुर में किराये के मकान में रहने वाले एक युवक ने रविवार सुबह फांसी लगाकर जान दे दी.
समाचार #3: ईरान में उत्तर-पूर्वी शहर के पास खराब मौसम के कारण सरकारी विमान सेवा ईरान एयर का एक बोइंग 727 प्लेन क्रैश हो गया। इसमें 105 लोग सवार थे, जिसमें से 72 के मारे जाने की खबर है.
समाचार #4रविवार को मुंबई के वेस्टर्न एक्सप्रेस हाई वे पर वाकोला ब्रिज के पास मारुती और ट्रक की टक्कर में मारुती चला रही 46 साल की नीता ठक्कर की घटना स्थल पर ही मौत हो गई.

समाचार पत्र कितने  सुखवर्धक होते है, सच में. फेसबुक की तरह नहीं, जहाँ लोग बन ठन कर या तो जन्मदिन मनाते हुए या  महँगी  जगहों पर छुट्टी मानते हुए नज़र आते हैं. हालाँकि उन्हें देखकर मेरा दिल जलकर खाक हो जाता है, फिर भी मैं उन्हें लाइक करके उनपर अच्छे अच्छे कमेन्ट, जैसे कि, बहुत खूब, क्या बात है, बेहद खूबसूरत, इत्यादि लिख देती हूँ.


सोमवार, 3 जनवरी 2011

सौन्दर्य की देवी: पामेला एंडरसन

Pamela Anderson:Crowned by TGM
(Photo Credit: The Times of India)
(English translation)
पामेला देवी को भारतीय नारी के परिधान में देखकर, और उनके हिन्दी संभाषण से प्रभावित होकर, मेरी कलम ने अँग्रेज़ी में लिखने से इन्कार कर दिया.

देवी जी अमरीका नामक दूर देश से भारतीय पुरुषों के उद्धार हेतु आगमित हुई थी. अन्यथा उन असंतुष्ठ पुरुषों को मृत्यु उपरांत मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती. ईश्वर उन्हें यह कहकर कि “वत्स, तुम्हारे जीवन की आकांक्षाएँ अभी पूर्ण नहीं हुई है,” पुनः धरा पर भेज देते.

वैसे जनसामान्य को मात्र इतनी ही सूचना थी कि पामेला जी बिग्ग बॉस नामक अत्यंत ही निरर्थक तमाशे में भाग लेने हेतु तीन दिन के लिए पधारी हैं.


प्रार्थना: हे ईश्वर, मेरे ब्लॉग को सबसे लोकप्रिय ब्लॉग से भी अधिक हिट प्रदान करें!

पता नहीं आप ईसाई या मुसलमान लोग क्या करते हैं, हम हिन्दू तो वही करते हैं जो हमारे पूर्वज हजारों वर्ष पहले किया करते थे. हम अपना हर छोटा या बड़ा कार्य ईश्वर की प्रार्थना से शुरू करते हैं. चाहे हमारे विद्यार्थी परीक्षा देने जाएँ या हमारे व्यापारी और नेतागण कोई महत्वपूर्ण सौदा करने--विशेषकर दो नंबर के--वे श्रद्धापूर्वक भगवान् के आगे अपना माथा ज़रूर टेकते हैं.

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