शनिवार, 7 जून 2025

🔥 नेहरू की आत्मकथा – अध्याय 37 और 38 🎧 (अंग्रेजी में)

 ⚠️ समझौते की आड़ में संघर्ष। लंदन की सभा और स्वराज का सपना।

🎧 नेहरू की आत्मकथा के अध्याय 37 और 38!

📘 37: युद्धविराम की अवधि में तनाव
गांधी द्वितीय गोलमेज सम्मेलन की तैयारी कर रहे थे, और भारत में उबाल था —
आंदोलन, किसानों का असंतोष और सांप्रदायिकता।
नेहरू बताते हैं कि ब्रिटिश हठधर्मिता और सांप्रदायिक राजनीति ने माहौल को और बिगाड़ा।

📘 38: गोलमेज सम्मेलन
लंदन में गांधी को ऐसे मंच का सामना करना पड़ा जहाँ बहस नहीं, ब्रिटिश वफादारों का बोलबाला था।
नेहरू को सम्मेलन निरर्थक लगा — ना कोई समाधान, ना कोई सार्थक संवाद
उनके अनुसार, आज़ादी विदेशी दरबारों से नहीं, देश की ज़मीन पर संघर्ष से आएगी

🎧 सुनिए राजनीति और सिद्धांतों पर नेहरू की बेबाक टिप्पणियाँ।


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