📘 एक यात्रा का अंत, लेकिन संघर्ष जारी है
(नेहरू की आत्मकथा की अंतिम कड़ी—पोस्टस्क्रिप्ट और पाँच वर्ष बाद अगले एपिसोड में)
🎧 नेहरू की आत्मकथा के अंतिम अध्याय 67 और 68
📘 67: कुछ हाल की घटनाएँ
जेल से नेहरू सांप्रदायिकता, साम्राज्यवाद और कांग्रेस की जनविमुखता की आलोचना करते हैं।
वे पूंजीवादी शोषण के विरुद्ध सुधार की मांग करते हैं और लोकतांत्रिक समाजवाद को सावधानी से स्वीकारते हैं।
उनकी दृष्टि: एक न्यायपूर्ण और परिवर्तनकारी भारत।
📘 68: उपसंहार (Epilogue)
आत्मकथा के इस अंतिम अध्याय में नेहरू आत्ममंथन करते हैं—पूर्व और पश्चिम, कर्म और एकाकीपन के बीच।
45 की उम्र में वे निश्चितताओं की जगह प्रयास को चुनते हैं।
कैद ने उनके संकल्प को और गहरा कर दिया है।
🎧 सुनिए एक ऐसे व्यक्ति की अंतिम अंतरात्मा की आवाज़, जिसने आधुनिक भारत की राह बनाई—संघर्षों और आशाओं के बीच।
#नेहरू #आत्मकथा #स्वतंत्रतासंग्राम #पॉडकास्ट