🌾🔥 ज़मीन, ज़ुल्म और संघर्ष की दस्तक।
🎧 नेहरू की आत्मकथा के अध्याय 39 और 40!
📘 39: संयुक्त प्रांत में कृषि संकट
भाड़े बढ़ते गए, फसल के दाम गिरते गए — किसान कर्ज़ में डूबते गए।
नेहरू ने किराएदारों की बेदखली और सरकारी दमन का कड़ा चित्रण किया।
कांग्रेस ने राहत की कोशिश की, पर जमींदार और सत्ता दोनों अड़े रहे।
⚠️ नेहरू ने चेताया — अगर शोषण नहीं रुका, तो वर्ग संघर्ष भड़केगा।
📘 40: संधि का अंत
देश उबल रहा था।
नेहरू ने भ्रमण किया और देखा हिंसक प्रतिक्रियाएँ, पुलिस दमन, और गहराती निराशा।
एक और गिरफ़्तारी के बावजूद, नेहरू डटे रहे:
🕊️ सिर्फ़ अहिंसा और एकता ही भारत को सच्ची आज़ादी दिला सकते हैं।
🎧 सुनिए इन अध्यायों में भारत की मिट्टी की आवाज़ और नेहरू की आत्मा की गूंज।
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