सोमवार, 29 सितंबर 2025

आखिरी बात: एकाकीपन, संघर्ष और अधूरी आकांक्षा | पोस्टस्क्रिप्ट, पाँच वर्ष बाद | नेहरू की आत्मकथा

 📘 अंतिम शब्द: एकाकीपन, संघर्ष और अधूरी आकांक्षा

🎧 नेहरू की आत्मकथा की अंतिम कड़ी—पोस्टस्क्रिप्ट और पाँच वर्ष बाद

🖋️ पोस्टस्क्रिप्ट

यूरोप में लिखे गए इस अंश में नेहरू क्वेटा भूकंप, प्रशासन की असंवेदनशीलता और कमला की बिगड़ती तबीयत को याद करते हैं।

जेल से रिहाई भी शांति नहीं देती—व्यक्तिगत अकेलापन वैश्विक उथल-पुथल से जुड़ जाता है।


🖋️ पाँच वर्ष बाद

कमला नहीं रहीं। दुनिया फासीवाद की ओर बढ़ रही है।

कांग्रेस की उपलब्धियों के बावजूद नेहरू हताश हैं।

फिर भी वे भारतवासियों और एक न्यायपूर्ण भविष्य में विश्वास बनाए रखते हैं।


🎧 सुनिए एक ऐसे संघर्षशील आत्मा की अंतिम अनुभूतियाँ, जिसने प्रेम, पीड़ा और संकल्प से एक नया भारत गढ़ा।



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