💔 ग्यारह दिन की रिहाई, लेकिन बोझ और गहरा गया।
🎧 नेहरू की आत्मकथा के अध्याय 65 और 66
📘 65: ग्यारह दिन (Eleven Days)
नेहरू जेल से कुछ दिन के लिए रिहा होते हैं, लेकिन सामने होती है कमला की बिगड़ती हालत।
राजनीतिक जिम्मेदारियों और निजी दुख के बीच, वह असहाय महसूस करते हैं।
इन ग्यारह दिनों में प्रेम, पीड़ा और विवशता गहराई से उभरते हैं।
फिर... लौटते हैं जेल में—और अधिक टूटे हुए।
📘 66: फिर जेल में (Back to Prison)
नैनी और फिर अल्मोड़ा जेल में, नेहरू कमला की बीमारी और सरकारी बेरुखी के बीच पिसते हैं।
प्रकृति की सुंदरता भी दिल का दर्द नहीं कम कर पाती।
पर वे चुपचाप सहते हैं—साहस और करुणा के साथ।
🎧 सुनिए, जब नेहरू का संघर्ष केवल राजनीतिक नहीं, निजी भी था।
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