🧠✊ धर्म, राजनीति और सत्ता - सवालों के घेरे में।
🎧 नेहरू की आत्मकथा के अध्याय 47 और 48 📘
47: धर्म क्या है?
गांधी का व्रत प्रभावशाली था, पर नेहरू उसकी राजनीतिक प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हैं।
वो संगठित धर्म की आलोचना करते हैं - जहाँ डर, अंधविश्वास और सत्ता का बोलबाला हो।
🙏 उनके लिए सच्चा धर्म वह है जो सत्य, नैतिकता और सामाजिक प्रगति से जुड़ा हो - न कि परंपरा या सत्ता से।
📘 48: ब्रिटिश सरकार की ‘दोहरी नीति’
नेहरू दिखाते हैं कि कैसे अंग्रेज़ सुधारों को रोकते हुए भी तटस्थ बनने का दिखावा करते रहे।
वो भारतीय उदारवादियों की आलोचना करते हैं जो समझौतावादी थे।
💥 कांग्रेस की सच्ची और निडर लड़ाई को वे वास्तविक बदलाव का रास्ता मानते हैं।
🎧 सुनिए नेहरू की निर्भीक सोच - धर्म, तर्क और सत्ता के खिलाफ़।
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