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यह आरती प्रतिदिन प्रातः काल ब्रह्ममुहूर्त में या फिर सायंकाल सूर्यास्त के पश्चात् गायी जानी चाहिए. ऐसा करने से घर के पुरुषों को करुणानिधि जी की भांति करोड़ों की संपत्ति और साथ ही अनेक पत्नियों का सुख प्राप्त होता है. करुणानिधि जी कलाईनार, अर्थात कला के विद्वान के नाम से भी जाने जाते हैं. संभवतः यह पैसे कमाने की कला से सम्बंधित है.
यह आरती प्रतिदिन प्रातः काल ब्रह्ममुहूर्त में या फिर सायंकाल सूर्यास्त के पश्चात् गायी जानी चाहिए. ऐसा करने से घर के पुरुषों को करुणानिधि जी की भांति करोड़ों की संपत्ति और साथ ही अनेक पत्नियों का सुख प्राप्त होता है. करुणानिधि जी कलाईनार, अर्थात कला के विद्वान के नाम से भी जाने जाते हैं. संभवतः यह पैसे कमाने की कला से सम्बंधित है.