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गुरुवार, 26 जनवरी 2023

राहुल गाँधी उवाच




माँ मुझको मत रोक 
मुझे अब राष्ट्र भ्रमण को जाना है.
आर्या वृत्त में सत्य, अहिंसा, और ज्ञान का,
फिर से दीप जलाना है!

अन्धकार में सूक्ष्म रूप भी  

आभास देता दानव या महामानव का, 

क्षीण प्रकाश है भ्रम फैलाता 

द्वन्द, द्वेष, उपद्रव करवाता!

  

दीप जलाकर प्रेमभाव से 

नफरत दूर भगाना है 

आशंकित उग्र भरत पुत्रों को 

(और पुत्रियों को भी)

भय-मुक्त मृदु-भाषी बनाना है!


उपनिषद, विवेकानंद,

टैगोर, गांन्धी का 

अभय सन्देश पंहुचाना है.

भ्रमितों को सनातनी ज्ञान का  

निर्मल पाठ पढ़ाना है!


माँ मुझको मत रोक 

मुझे अब राष्ट्र भ्रमण को जाना है.

जन मानस संग मिल जुल कर,  

एकत्व भाव जगाना है!



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