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चित्र courtesy Tamil Archives |
माँ मुझको मत झोंक यू.पी. के
दुर्गम, विकट झमेले में,
मैं निष्कपट, निश्छल शशक,
वहां चील, गिद्ध, बिलाव हैं.
धूल-धक्कड़, धूप, पसीना,
अरु मधुकर सम हैं पत्रकार,
ये कोमल तन व ह्रदय लिए,
किस विधि झेलूं निष्ठुर प्रहार.